प्रेरक कथा- झगडे का मूल



यह कहानी संत के ज्ञान को दर्शाने वाली कथा है क्युकी हमेशा ही ये माना जाता है की संत, गुरु, साधू और मुनि महाराज के पास उन सभी सांसारिक... समस्याओ का तुरंत हल मिल जाता है जिसके बारे में आज लोग और गृहस्ती हमेशा से ही परेशान रहतेहै |

समाज में साधू,संत,गुरु और मुनि ही हर समस्या की एक मात्र चाबी माने जाते रहे है और यह सही भी है की इनके पास जाने मात्र से ही हमारे मन को शांति प्राप्त हो जाती है और फिर जब इनके दो सांत्वना भरे बोल या ज्ञान बढ़ने वाले शब्द जब हमारे कान में जाते है तो जेसे अन्दर तक आत्मा को ठंडक पहुंचती है

इसलिए आज एक ऐसी ही कहानी लेकर आया हु जिससे आप गुरु की महिमा को समझ ही जायेंगे की क्यों और केसे ये सभी विद्धवान जन तुरंत ही हरेक के मन की समस्या का समाधान कर देते है |


एक बार गोमल सेठ अपनी दुकान पर बेठे थे दोपहर का समय था इसलिए कोई ग्राहक भी नहीं था तो वो थोडा सुस्ताने लगे इतने में ही एक संत भिक्षक भिक्षा लेने के लिए दुकान पर आ पहुचे

और सेठ जी को आवाज लगाई कुछ देने के लिए...

सेठजी ने देखाकी इस समय कोण आया है ?

जब उठकर देखा तो एक संत याचना कर रहा था

सेठ बड़ा ही दयालु था वह तुरंत उठा और दान देने के लिए कटोरी चावल बोरी में से निकला और संत के पास आकर उनको चावल दे दिया

संत ने सेठ जी को बहुत बहुत आशीर्वाद और दुवाए दी

तब सेठजी ने संत से हाथ जोड़कर बड़े ही विनम्र भाव से कहा की

है गुरुजन आपको मेरे प्रणाम में आपसे अपने मन में उठी शंका का समाधान पूछना चाहता हु |

संत याचक ने कहा की जरुर पूछो

तब सेठ जी ने कहा की लोग आपस में लड़ते क्यों है ?

संत ने सेठजी के इतना पूछते ही शांत स्वभव और वाणी में कहा की

सेठ मै तुम्हारे पास भिक्षा लेने के लिए आया हु तुम्हारे इस प्रकार के मुरखता पूर्वक सवालो के जवाब देने नहीं आया हु |

इतना संत के मुख से सुनते ही सेठ जी को क्रोध आ गया और मन में सोचने लगे की यह केसा घमंडी और असभ्य संत है ?
ये तो बड़ा ही कृतघ्न है एक तरफ मैंने इनको दान दिया और येमेरे को ही इस प्रकार की बात बोल रहे है इनकी इतनी हिम्मत

और ये सोच कर सेठजी को बहुत ही गुसा आ गया और वो काफी देर तक उस संत को खरी खोटी सुनते रहे
और जब अपने मनकी पूरी भड़ास निकल चुके
तब कुछ शांत हुए तब संत ने बड़े ही शांत और स्थिर भाव से कहा की –

जैसे ही मैंने कुछ बोला आपको गुस्सा आ गया और आप गुस्से से भर गए और लगे जोर जोर से बोलने और चिलाने

वास्तव में केवल गुस्सा ही सभी झगडे का मूल होता है यदि सभी लोग अपने गुस्से पर काबू रख सके तो या सिख जाये तो दुनिया में झगडे ही कभी न होंगे !!!