एक और नए ग्रुप का जन्म


हरे कृष्णा सभी भक्तो को हमारे परिवार (श्रीमन नारदीय भगवत मिशन) मे वैकुण्ठ परिकर के अलावा एक और नए ग्रुप का जन्म हुआ, जिसका नामकरण हमारे प्रिय भैया (श्री कृष्ण चरण दास) जी के द्वारा किया गया । उस ग्रुप का नाम कृष्ण परिकर रखा गया । इस ग्रुप मे 7 सदस्य है, जिसमे प्रमुख श्री माधव प्रभु और विदुर प्रभु जी है ।

हरे कृष्णा ।

गुरु जी का जन्मदिन 10/05/2009

हरे कृष्णा
१०/०५/२००९ को मिशन ने गुरु जी का जन्मदिन बड़ी धूम धाम से मनाया गया प्रोग्राम के शुरू होने से ठीक पहले इन्द्र देव ने भक्तों की परीक्षा ली आकाश में काले बादलों ने अपना जमावडा लगा दिया था, जिसे देख कर कृष्णा प्रभु ने राम नाम का जप, उदित कृष्ण ने हरि नाम जप चालू कर दिया, बाकि सभी भक्त भगवान से प्रार्थना कर रहे थे की भगवान जी आज वर्षा ना हो और सब भक्तों की प्रार्थना को भगवान ने सुन भी लिया । उसके तुंरत बाद बहुत तेज हवा चली जिससे वातावरण ठंडा हो गया
प्रोग्राम गुरु जी की स्तुति से आरम्भ हुआ उसके बाद माधव प्रभु और रासबिहारी प्रभु ने प्रोग्राम के बारे मैं पूर्ण जानकारी दी और उसके बाद प्रोग्राम चालू हुआ सबसे पहले भगवती प्रभु ने संकीर्तन से प्रोग्राम की शुरुआत करी उसके बाद सचिन भैया की बेटी ने एक भजन पर नृत्य किया, उसके बाद हमारी दीदी मीरादासी, वैष्णवी, और विष्णुप्रिया ने "इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले" भजन गाया उसके बाद वैकुण्ठ परिकारों के साथ चैतन्य प्रभु ने एक बहुत ही प्यारा भजन "नींद न आये रे" गाया इसके बाद रत्नाकर डाकू (वाल्मीकि जी) के ऊपर नारद जी की कृपा कैसे हुई, इसके ऊपर एक नाटक भगवती प्रभु और कृष्णा प्रभु ने प्रस्तुत किया, कृष्णा प्रभु बिलकुल नारद जी का स्वरुप लग रहे थे । उनके संवाद बहुत ही प्यारे लग रहे थे । ये सारे संवाद मीरादासी दीदी ने लिखे थे पर भगवान ने हमारी परीक्षा और लेनी थी । इसके बाद जनरेटर भी ख़राब हो गया नाटक पूरा भी नहीं हुआ और बीच मैं ही लाइट कट गई उसके बाद बिना लाइट के ही भगवती प्रभु ने संकीर्तन प्रारंभ कर दिया उनका साथ देने के लिए सभी भक्तो ने उनके साथ संकीर्तन शुरू कर दिया उसके बाद भैया (श्री कृष्ण चरण दास) जी ने मोर्चा संभाला और सभी भक्तो ने भी उनका साथ पूर्ण रूप से दिया, सभी भक्त श्री राधे श्याम सुन्दर के आनंद मे सराबोर हो रहे थे, और जो लोग प्रोग्राम को देखने आये हुए थे वे भी भक्ति आनंद के सागर मे गोता लगा रहे थे इस आनंद का हम आपको क्या वर्णन करे, और ये सब लाइट न होने के बीच का माहोल था सब लोगो ने प्रोग्राम को बहुत इंजॉय किया उसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया और सब भक्तो ने प्रसाद ग्रहण करके घर को पलायन किया ।

"हरे कृष्णा"

07/05/09 रामदास प्रभु का सत्संग

07/05/09

हरे कृष्णा

रामदास प्रभु ने भगवत प्राप्ति के लिए गोपिओं का उदाहरण दिया था उसके कुछ कण प्रस्तुत कर रहा हूँ, गोपियाँ अपने प्रभु के लिए सब कुछ छोड़ कर उनकी सेवा में ही अपना आनंद समझती थी । वे हमेशा भगवान के बारे में ही सोचा करती थी । उन्होंने एक भजन भी सुनाया था, जिसका तात्पर्य था की श्याम जब वृन्दावन को छोड़ कर मथुरा जा रहे थे, तो गोपियाँ उनके लिए कितनी व्याकुल थी ।


उनके मुख से भजन सुन कर बड़ा ही आनंद आया शेष कल.......


नारद प्रिय दास ।

श्री भगवती प्रभु के अमृत वचन


हरे कृष्णा

भगवती प्रभु के अनुसार इस संसार का सार कोई नहीं पा सकता, केवल हमारे ठाकुर जी को ही पता है, भगवती प्रभु से मेरी दो दिन पहले भगवत चर्चा हो रही थी उसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ :
1). संसार मैं कोई वस्तु भगवान से अधिक मूल्यवान नहीं है

2). इस संसार में भगवान को पाना ही मनुष्य का एक मात्र लक्ष्य होना चाहिए, क्योकि मनुष्य का जन्म हमें भगवान को पाने के लिए ही मिला है
3). मनुष्य में ही इतनी बुद्धि होती है कि उसको भगवान का ज्ञान हो सकता है जानवर को सिर्फ जीवन की 4 मूलभूत आवश्कताओं के बारे में ही पता होता है ये 4 आवश्कताएँ है !
(१) आहार , (२) निद्रा , (३) भय , (४) मैथुन
जानवर को भूख लगती है, उसको निद्रा आती है, उसको भय लगता है, उसको किसी मादा जानवर की जरुरत होती है, मगर उसमे इतनी बुद्धि नहीं होती की वो भगवान का नाम एक बार भी ले सके, सिर्फ मनुष्य को ही भगवान का नाम लेने का अधिकार है, और हम इतने बुद्धिमान होने के बावजूद जानवर को अपने से अधिक फ्री (स्वतंत्र) समझते हैं, जानवर की देह को भोग देह कहा जाता है, मतलब पशु योनी में हम अपने किये कर्मो को भोग सकते हैं कोई नया कर्म नहीं कर सकते, जबकि मनुष्य कोई नया कर्म करने में सवतंत्र है, तो हम अपने कर्मो की सहायता से भगवान को भी पा सकते हैं और अगर हम चाहे तो दोबारा पशु योनी भी प्राप्त कर सकते है, तो चुनाव हमारा है (THE BALL IS IN OUR CORT)

4). अगर हमने इस जन्म में भी भगवान को नहीं पाया तो फिर क्या पाया, क्योंकि जो भी हमने पाया वो सब इस संसार में ही रह जायेगा कुछ भी हमारे साथ नहीं जायेगा केवल भगवान का नाम ही हमारे साथ जायेगा लेकिन वो तो हम लेना नहीं चाहते, तो अवश्य ही हमारी दुर्गति होनी हैं यह निश्चित है की अगर हम भगवान का नाम नहीं लेते तो हम इस संसार से खाली हाथ ही जायेंगे जब हम मरने के बाद यमलोक जायेंगे तो हमारे सारे कर्मो का लेखा जोखा देखा जाता है उसके बाद ही ये निश्चित होता है की हमे कौन सी योनी मिलेगी और कितने समय के लिए

5). इस संसार में एक ऐसे देवता है जो न चाहते हुए भी सबको दर्शन देते है उनका नाम है यमराज जी महाराज अगर हम किसी देवता को देखना चाहते है तो उसके लिए हमे उस देवता की पूजा करनी पड़ती है, उनको प्रसन्न करना पड़ता है, मगर यमराज इतने दयालु देवता है की वो हमे ना चाहते हुए भी दर्शन देते हैं, और मरे हुए इन्सान को भी मौत आ जाये ऐसा दर्शन देते है और अगर वो उस इन्सान के ऊपर प्रसन्न हो जाये तो उसको इस संसार में कोई भी उनके प्रकोप से बचा नहीं सकता वे उस जीव को घोर यातना देते हैं और उसको पवित्र करके मनुष्य योनी प्रदान करते हैं यमराज जी भगवान के परम प्रिय भक्त है, देखो भगवान के भक्त इतने दयालु है की बिना मांगे दर्शन देते है तो हमारे भगवान कितने दयालु होंगे
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नारद प्रिय दास

Narad ji's Birthday on 10th of May 2009 At Shalimar Garden At B - Block Park

Hare Krishna
We are going to celebrate the birthday of our Guru ji, on 10th of May 2009, At B - Block Park , Shalimar Garden, Sahibabad, Ghaziabad, U. P. 201005
You are invited in the birthday of Our Guru ji.

Contact No. Are
Madhav : 9811204767
Chaitanya : 9015420931
Krishna : 9999801087

Always Chant the devine Name & be Happy...

Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare

भैया श्री कृष्णा चरण दास जी

हरे कृष्णा !

हमारे मिशन के भैया श्री कृष्णा चरण दास जी हैं । व्यवसाय से वे एक अध्यापक है जो Account और B. Com से सम्बंधित शिक्षा प्रदान करते हैं । मिशन के सामान्य और प्रमुख निर्णय आप के द्वारा ही लिए जाते हैं । मिशन में नए भक्त का नामकरण भी वे ही करते हैं । हम सभी भक्तो का नामकरण भी उनके द्वारा ही हुआ है ।

आप का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुआ था । आप की शिक्षा शालीमार गार्डन में हुई । आप पढने मैं बहुत ही तेज थे । आप को सभी अध्यापक बहुत ही प्यार करते थे । आप का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक और प्रभावित करने वाला है, जो भी आप से एक बार मिलता है वो आप से बार बार मिलने की इच्छा करता है ।

उनके बारे में मैं और अधिक क्या बता सकता हूँ, इस समय वे ही साक्षात् नारद जी के समान हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं । वे ही हमें भक्ति और ज्ञान के उपदेश करके मेरे जैसे मूर्खों का उद्धार कर रहे हैं । हम सबको भगवान का प्यार प्रदान कर रहे है और हम को भगवान के प्यारे बना रहे हैं । हम सब भक्त किसी न किसी तरह उनके शिष्य रह चुके है । मैं और मेरे कई मित्र भक्त उनके पास अकाउंट की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं । मिशन में उनको सब भक्त भैया कह कर के पुकारते हैं । उनकी वाणी बहुत ही प्रभावित करने वाली है ।

हरे कृष्णा

मैं आप को अपने मिशन के बारे मैं विस्तार से बताऊंगा!हमारे मिशन मैं बहुत सरे भक्त है!
कृष्णचरण दास जी, कृष्णा प्रभु, हनुमान प्रभु, भगवती प्रभु, रघुनाथ प्रभु, माधव प्रभु, चैतन्य प्रभु, विष्णु प्रभु
मिशन के प्रबंधक कृष्णा प्रभु, मिशन के शिक्षा गुरु हनुमान प्रभु, एवम कृष्णा प्रभु!
मिशन मैं 4 ग्रुप बनाये गए हैं इनके शिक्षा गुरु हैं!
1. कृष्णा प्रभु,
2. हनुमान प्रभु एवम चैतन्य प्रभु
3. रघुनाथ प्रभु एवम रासबिहारी प्रभु
४ भगवती प्रभु
हर एक ग्रुप मैं कम से कम ६ से ७ बच्चे शिक्षा गुरु की निगरानी मे भगवत भक्ति की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं!

हरे कृष्णा
सदैव जपे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे!
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे!