श्री कृष्ण को जीवन का लक्ष्य बनाये

हरे कृष्णा

हम अपने जीवन का विश्लेषण करके देखे - आज तक सुख पाने का सतत प्रयास जाने में, अनजाने में हमने किया है, पर क्या हम सुखी हो गए ?
आजीवन सुख के लिए निरंतर प्रयतन करते रहने पर भी, आजीवन सुख की चाह पोषित रख कर भी, आज अनेक वर्षो तक सत्संग - भजन करके भी हम सुखी नहीं हो सके हैं, ऐसा क्यों?
सच्चे ह्रदय से अगर हम पूछेंगे तो हमको यह स्पष्ट दिखेगा कि श्री कृष्ण हमारे लिए लक्ष्य बने ही नहीं| हमारा लक्ष्य सुख पाना है और उसका माध्यम है श्री कृष्ण| हम श्री कृष्ण से सुख की कामना करते है, श्री कृष्ण की कामना नहीं करते|
श्री कृष्ण की प्राप्ति होने पर सुख हमेशा के लिए प्राप्त हो जायेगा|
अभी तक तो सुख प्राप्ति ही हमारा लक्ष्य है, श्री कृष्ण तो अभी हमारे लक्ष्य बने ही नहीं|

हरे कृष्णा

श्री गुरुदेव (देवऋषि नारद जी) जयंती महामहोत्सव


 !! हरे कृष्णा !!

देवऋषि नारद जी परम भागवत प्रह्लाद , महाराज ध्रुव , वाल्मीकि ऋषि आदि कई महान संतो के गुरु जी है, वे भक्ति के परम आचार्य है, चारो वैष्णव सम्प्रदायों के प्रधान गुरु है, उन्ही देव ऋषि नारद जी की जयंती इस वर्ष 22 May 2011 को है|

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी देवऋषि नारद जी की जयंती " श्रीमन नारदीय भगवत निकुंज " द्वारा गठबंधन बैंकेट हॉल में मनाई जाएगी| आप सभी से अनुरोध है की परिवार सहित पधार कर देवऋषि नारद जी के आशीर्वाद के रूप में भक्ति प्राप्त करे और इस जीवन के परम लक्ष्य श्री भगवान के दर्शन प्राप्त करे|


!! हरे कृष्णा !!


*जयंती स्थल*

गठबंधन बैंकेट हॉल
Near S. M. World
शालीमार गार्डन, साहिबाबाद
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

Contact :-
Krishna Prabhu :09999801087
Hanuman Ji :09953520420
Rasbihari Prabhu :09899499528

हर परिस्थिति में भगवान के मंगलमय विधान को देखना...

!! हरे कृष्णा !!

हम यह अनुभव करने की चेष्टा करें, सारी शक्ति लगाकर विश्वास करे की जो भी परिस्थिति भगवान की ओर से हमारे सामने रखी जा रही है, उसके कण - कण मैं लौकिक - पारलौकिक हमारा मंगल ही मंगल हैं| हमारे लिए जो अत्यंत आवश्यक परिस्थिति है, भगवान के द्वारा उसी का निर्माण किया गया है| भगवान अपरिसीम करुणामय है| उन्हें ठीक पूरा पता है कि हमारे लिए कौन - कौन - सी परिस्थिति होनी चाहिए और यह सब सोच समझ कर ही सारी परिस्थितियों का निर्माण भगवान ने किया है| इसलिए जो परिस्थिति आये, उसका हम स्वागत करे| यही प्रत्येक परिस्थिति में भगवान के मंगलमय विधान को देखना है |

!! हरे कृष्णा !!

सब कुछ व्यावहारिक कार्य करते हुए भी परमात्मा का...

सब कुछ व्यावहारिक कार्य करते हुए भी परमात्मा का स्मरण करते रहो जिसमें भगवान के भजन की ही जीवन में प्रधानता रहे।
भगवान का भजन सदा करते रहोगे तो अन्त समय में भी भगवान का ही स्मरण होगा और भगवान का कहना है कि -
अन्तोकाले च मामेव
समरन्मुक्त्वा कलेवरम्।
यः प्रयाति त्यजन्देहं
स याति परमां गतिम्॥
जिसको आप बुलाते हैं वह समीप में आता ही है। यदि भगवान को बुलाओगे तो ऐसा नहीं हो सकता कि वह न आयें।...

: हरे कृष्णा :