परम उत्सव जन्माष्टमी....

हरे कृष्णा
सभी भक्तो को,

जन्माष्टमी का महाउत्सव श्रीमन नारदीय भगवत मिशन में बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया, जिसका वर्णन तो किया ही नहीं जा सकता है पर हम इसके कुछ अंश का तो वर्णन कर ही सकते है, जन्माष्टमी की तैयारी हमारे श्री भगवती प्रभु ने एक दिन पहले से ही शुरु कर दी थी| जन्माष्टमी के दिन सभी भक्तो ने मंदिर में सेवा दी और मंदिर को तरह-2 की सजावट और सुन्दर फूलो से सजाया गया, मंदिर जैसे की साक्षात् वैकुण्ठ की तरह लग रहा था| श्री ठाकुर जी और ठकुराइन जी को तो बहुत ही सुन्दर सजा गया था, दोनों इतने सुन्दर लग रहे थे की साक्षात् भगवान दर्शन दे रहे हो, फूल माला, वस्त्र, मोर मुकुट ये सब ठाकुर जी पर इतने सुन्दर लग रहे थे की सब भक्त कह रहे की कही उन्हें नजर न लग जाये इस कारण दोनों को काला टीका भी लगाया गया| शाम होते ही संक्रितन शुरू हो गया ओर रात्रि तक भक्त-जन ठाकुर जी के प्रेम में डूबे रहे, हमारे श्री कृष्ण चरण दास प्रभु और श्री भगवती प्रभु एक से बड़कर एक भजन कराते सभी साधक मिलकर उनका साथ देते ओर प्रेम सरोवर में गौते खाते, एक एक साधक ठाकुर जी को उनके जन्मदिन की बधाई उन्हें स्मरण करके देते| इसी अवसर पर भक्त प्रह्लाद नाटक का भी आयोजन किया गया वो नाटक तो सभी को पसंद आया, मध्य रात्रि 12बजे ठाकुर जी को पंचामृत से स्नान कराया गया ओर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी गयी ओर फिर से जबरजस्त संक्रितन कराया गया| सभी साधक चरनाअमृत व भोग पाकर अपने घरो के ओर प्रस्थान किया|

आपका दास
राधा माधव दास