सहस्रनाम प्रभु का सत्संग

हरे कृष्ण

कल शाम सहस्रनाम प्रभु का सत्संग सुनने का सोभाग्य प्राप्त हुआ | उनके बारे में कुछ बताना चाहता हूँ , श्री नारदीय भगवत मिशन के कृष्ण परिकर में दो नाम और जुड़े है | नरोत्तम प्रभु और सहस्रनाम प्रभु , ये दोनों भक्त एक दुसरे से बढ़कर है | सहस्रनाम प्रभु का स्वभाव तो बहुत ही चंचल और नरोतम दास प्रभु का स्वभाव बहुत ही शान्त |
कल सहस्रनाम प्रभु ने हमे भगवत भक्ति के एक सुद्रढ़ स्तंभ की कथा सुनाई उनका नाम है धन्ना जाट जी | धन्ना जी का चरित्र बताते समय उनका चेहरा बहुत ही शांत और प्रसन्न लग रहा था | उन्होंने ऐसे कथा सुनाई जैसे उन्होंने स्वयं धन्ना जी को देखा हो | ऐसा लग रहा था मानो ठाकुर जी अपने भक्त के बारे में बड़े ही प्यार से चर्चा कर रहे हो | उनके द्वारा बताया गया धन्ना जी का चरित्र भक्तो की आँखों के सामने चल रहा था | सभी को उनका सत्संग बहुत ही मन भाया , रघुनाथ जी और मैं (नारद प्रिय दास) उनके सत्संग और निश्चलता को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए |

उनके बारे में श्री कृष्ण चरण दास प्रभु ने बहुत ही अच्छा बताया | " ये बहुत ही उच्च कोटि के भक्त है जैसे लोग कहते है " पूत के पांव पालने में नजर आ जाते है " वैसे ही इनको मिशन में आये हुए अभी बहुत ही कम दिन हुए है लेकिन इनकी भक्ति बहुत ही दृढ है ये आगे जाकर बहुत ही बड़े भगवत भक्त बनेगे | "

हरे कृष्ण

सदैव जपे हरि नाम और जाये भगवत धाम ||

आपका दास
नारद प्रिय दास
18/07/2009