गुरु जी का जन्मदिन 10/05/2009

हरे कृष्णा
१०/०५/२००९ को मिशन ने गुरु जी का जन्मदिन बड़ी धूम धाम से मनाया गया प्रोग्राम के शुरू होने से ठीक पहले इन्द्र देव ने भक्तों की परीक्षा ली आकाश में काले बादलों ने अपना जमावडा लगा दिया था, जिसे देख कर कृष्णा प्रभु ने राम नाम का जप, उदित कृष्ण ने हरि नाम जप चालू कर दिया, बाकि सभी भक्त भगवान से प्रार्थना कर रहे थे की भगवान जी आज वर्षा ना हो और सब भक्तों की प्रार्थना को भगवान ने सुन भी लिया । उसके तुंरत बाद बहुत तेज हवा चली जिससे वातावरण ठंडा हो गया
प्रोग्राम गुरु जी की स्तुति से आरम्भ हुआ उसके बाद माधव प्रभु और रासबिहारी प्रभु ने प्रोग्राम के बारे मैं पूर्ण जानकारी दी और उसके बाद प्रोग्राम चालू हुआ सबसे पहले भगवती प्रभु ने संकीर्तन से प्रोग्राम की शुरुआत करी उसके बाद सचिन भैया की बेटी ने एक भजन पर नृत्य किया, उसके बाद हमारी दीदी मीरादासी, वैष्णवी, और विष्णुप्रिया ने "इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले" भजन गाया उसके बाद वैकुण्ठ परिकारों के साथ चैतन्य प्रभु ने एक बहुत ही प्यारा भजन "नींद न आये रे" गाया इसके बाद रत्नाकर डाकू (वाल्मीकि जी) के ऊपर नारद जी की कृपा कैसे हुई, इसके ऊपर एक नाटक भगवती प्रभु और कृष्णा प्रभु ने प्रस्तुत किया, कृष्णा प्रभु बिलकुल नारद जी का स्वरुप लग रहे थे । उनके संवाद बहुत ही प्यारे लग रहे थे । ये सारे संवाद मीरादासी दीदी ने लिखे थे पर भगवान ने हमारी परीक्षा और लेनी थी । इसके बाद जनरेटर भी ख़राब हो गया नाटक पूरा भी नहीं हुआ और बीच मैं ही लाइट कट गई उसके बाद बिना लाइट के ही भगवती प्रभु ने संकीर्तन प्रारंभ कर दिया उनका साथ देने के लिए सभी भक्तो ने उनके साथ संकीर्तन शुरू कर दिया उसके बाद भैया (श्री कृष्ण चरण दास) जी ने मोर्चा संभाला और सभी भक्तो ने भी उनका साथ पूर्ण रूप से दिया, सभी भक्त श्री राधे श्याम सुन्दर के आनंद मे सराबोर हो रहे थे, और जो लोग प्रोग्राम को देखने आये हुए थे वे भी भक्ति आनंद के सागर मे गोता लगा रहे थे इस आनंद का हम आपको क्या वर्णन करे, और ये सब लाइट न होने के बीच का माहोल था सब लोगो ने प्रोग्राम को बहुत इंजॉय किया उसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया और सब भक्तो ने प्रसाद ग्रहण करके घर को पलायन किया ।

"हरे कृष्णा"