07/05/09 रामदास प्रभु का सत्संग

07/05/09

हरे कृष्णा

रामदास प्रभु ने भगवत प्राप्ति के लिए गोपिओं का उदाहरण दिया था उसके कुछ कण प्रस्तुत कर रहा हूँ, गोपियाँ अपने प्रभु के लिए सब कुछ छोड़ कर उनकी सेवा में ही अपना आनंद समझती थी । वे हमेशा भगवान के बारे में ही सोचा करती थी । उन्होंने एक भजन भी सुनाया था, जिसका तात्पर्य था की श्याम जब वृन्दावन को छोड़ कर मथुरा जा रहे थे, तो गोपियाँ उनके लिए कितनी व्याकुल थी ।


उनके मुख से भजन सुन कर बड़ा ही आनंद आया शेष कल.......


नारद प्रिय दास ।